रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दीया (Light Diya Appeal) जलाने वाले अपील पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि हमने दिया विजय के प्रतीक के रूप में जलाना शुरु किया जब श्रीराम लंका से अयोध्या लौटे। यह तो संकट की घड़ी है। दर्जनों जानें जा चुकी हैं। दो हज़ार से ज़्यादा COVID-19 से पीड़ित हैं। लोग भयभीत हैं। ऐसे में दिया जलाएंगे? भगवान राम के देश में तो ये शोभा नहीं देगा।
उन्होंने कहा, हमारे देश में सामान्य तौर पर किसी खुशी के मौके पर दीया जलाया जाता है। अभी ऐसा कोई माहौल नहीं है, क्योकि पूरे देश में कोरोना को लेकर दहशत व्याप्त है। वहीं कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट तक दीये, टॉर्च, कैंडल और यहां तक की मोबाइल के फ्लैश लाइट को जलाने की अपील को कांग्रेस ने महज एक 'बकवास' बताया है।
प्रधानमंत्री ने लोगों से यह अपील कोरोना वायरस से लड़ने के जज्बे और संकट की इस घड़ी में सामूहिकता का प्रदर्शन करने के लिए की है। पार्टी ने इसके अलावा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि सरकार ने लोगों की समस्याओं खासकर के प्रवासी मजदूरों के लिए कोई उपाय नहीं सुझाये, जोकि जवाबदेही से भागना है।
कांग्रेस के नेता बी.के. हरिप्रसाद ने कहा, " मोमबत्ती बजाओ नया थाली बजाओ है! पूरी तरह बकवास!" उन्होंने कहा, "प्रवासी मजदूरों या फिर सैकड़ों किलोमीटर चलने वालों के लिए कोई उपाय नहीं सुझाये गए।" हरिप्रसाद ने कहा, "सरकार ने कोविड से लड़ने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में एक शब्द नहीं बोला,जोकि पूरी तरह जवाबदेही से भागना है।"
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कोरोना वायरससे लड़ने के लिए देश में सकरात्मक माहौल बनाने के लिए संदेश दिया और लोगों से पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट तक मोमबत्ती या दीये जलाने की अपील की है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने लोगों से जनता कर्फ्यू की भी अपील की थी, जिसका लोगों ने व्यापक समर्थन किया था।